Tests for Heart Health: सही समय पर ये 7 टेस्ट करवा लें, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा कम होगा

Reading Time: 6 minutes

Tests for Heart Health: दिल का स्वास्थ रहना हम सबके लिए जरूरी है. क्योंकि दल के स्वस्थ रहने का मतलब हमारे पूरे शरीर के स्वस्थ रहने से है. क्योंकि दिल ही हमारे पूरे शरीर में खून को पंप करता है. दिल की स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए कुछ टेस्ट जरूरी होते हैं. हम यहां आपको 7 ऐसे ही टेस्ट के बारे में बता रहे हैं.

दिल का स्वास्थ्य (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Tests for Heart Health: दिल हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. दिल ही हमारे शरीर में खून को पंप करता है. इसलिए शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. खानपान की गलत आदतों, लगातार घंटों तक बैठे रहना (Sedentary Lifestyle) और तनाव भरा जीवन आपके दिल की स्वास्थ्य को काफी हद तक बिगाड़ सकता है. हालांकि, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), शुगर (Diabetes), कॉलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और दिली की बीमारी से जुड़ा पारिवारिक इतिहास आपके हृदय स्वास्थ्य (Heart Health) पर गंभीर प्रभाव डालता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में कार्डियोवस्कुलर बीमारियों (CVDs) के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. विश्वभर में हर साल दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण 1.79 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है. और भी चिंताजनक बात यह है कि हर पांच में से 4 लोगों की मौत हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हो रही है. और भी चिंताजनक बात यह है कि इनमें से एक तिहाई लोगों की मौत कम उम्र में यानी 70 वर्ष से कम उम्र में हो रही है. 

ऐसे में प्रश्न यह है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें (What are the ways to keep heart healthy?). अगर आप लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीना चाहते हैं तो दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप दिल के स्वास्थ्य के बारे में बताने वाले कुछ टेस्ट नियमित तौर पर करवाते रहें. यहां हम आपको उन टेस्ट के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने दिल के स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रख सकेंगे. 

ये टेस्ट हैं जरूरी

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट – Lipid profile tests

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट दिल के स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए बहुत जरूरी होते हैं. यह टेस्ट आपके शरीर में कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच करता है. अगर शरीर में कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा अधिक हो जाती है तो यह दिल तक खून की सप्लाई को बाधित करने लगता है. कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर की वजह से हाई-ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं और यहां तक कि हार्ट अटैक भी आ सकता है.

कार्डियक रिस्क और कार्डियक स्क्रीन टेस्ट – Cardiac risk and cardiac screen tests

ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और शुगर टेस्ट ऐसे लोगों में दिल की बीमारियों से जुड़े खतरे की पहचान और रोकथाम में मदद करता करता है, जिनके परिवार में दिल से जुड़ी समस्याओं का इतिहास रहा है. यह टेस्ट उन लोगों में भी दिल से जुड़ी बीमारियों की पहचान और रोकथाम करने में मदद करते हैं, जो डायबिटीज, मोटापे या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. इन टेस्ट से आपको यह जानने में मदद मिलती है कि आपका दिल कैसा काम कर रहा है.

ट्रू हेल्थ हार्ट – True Health Heart

जैसा कि इस टेस्ट के नाम से ही पता चलता है, यह टेस्ट आपके हार्ट हेल्थ के बेसिक्स और दिल से जुड़े महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की सही-सही तस्वीर आपके सामने रख देता है. इस टेस्ट के परिणामों के आधार पर आप आगे और टेस्ट को लेकर निर्णय ले सकते हैं.

डायबिटीज और मोटापे के लिए टेस्ट – Tests for Diabetes and Obesity

अगर आपको टाइप-2 डायबिटीज है या डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित हैं और आप सही इलाज नहीं ले रहे हैं, तो ब्लड शुगर का उच्च स्तर आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. इसलिए ऐसे मरीजों के लिए नियमित तौर पर ब्लड शुगर लेवल चेक कराते रहना बहुत जरूरी है. अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटापे के शिकार हैं तो यह भी आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है. मोटापे की जांच के लिए आज कई तरह के टेस्ट उपलब्ध हैं.

खून की जांच – Blood tests

मांसपेशियों को हुए किसी भी तरह के नुकसान, खासतौर पर हार्ट अटैक जैसी स्थिति में शरीर खून में खास तरह का कैमिकल भेजता है. ब्लड टेस्ट के जरिए यह जांच की जा सकती है कि आपके दिल की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंचा है. ब्लड टेस्ट की मदद से खून में मौजूद अन्य कैमिकल्स जैसे ब्लड फैट (कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड), विटामिन और खनिज (Minerals) की भी जांच की जा सकती है.

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम – Electrocardiogram (ECG)

बेटर हेल्थ के अनुसार ईसीजी की मदद से आपके दिल की विद्युत आवेगों (Electrical Impulses) की जांच की जा सकती है. ईसीजी से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह से हार्ट खून को पंप कर रहा है. ईसीजी में मशीन से जुड़े छोटे-छोटे चिपचिपे स्ट्रिंग को आपकी छाती, हाथों और पैरों से चिपकाया जाता है. इनकी तार को ईसीजी मशीन से जोड़ा जाता है. यह मशीन दिल के इलेक्ट्रिकल इमपल्स को रिकॉर्ड करती है और एक पेपर पर प्रिंट कर देती है. दिल का दौरा या अनियमित दिल की धड़कन (Irregular Heartbeat) की पहचान के लिए आपके डॉक्टर ईसीजी का उपयोग कर सकते हैं.

एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट – Exercise stress test

जब ईसीजी टेस्ट को एक्सरसाइज के दौरान किया जाता है तो इसे स्ट्रेस टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है. इसे ट्रेडमिल और एक्सरसाइज टेस्ट भी कहा जाता है. इसकी मदद से आपके डॉक्टर यह जानने की कोशिश करते हैं कि वर्कआउट के दौरान आपका दिल कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है.

Disclaimer: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है. इसमें बताए गए टेस्ट और उपाय किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं हो सकते. अपने स्वास्थ्य से जुड़े तमाम प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

Related posts

ममता सरकार के खिलाफ भाजपा का हल्लाबोल, हिरासत में लिए गए सुवेंदु अधिकारी और लॉकेट चटर्जी

अमित शाह ने कहा- भारत जल्द बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, सहकारिता क्षेत्र की होगी अहम भूमिका

सुपरस्टार कमल हासन से मिले रणवीर सिंह, Video में हरकत देख लोग बोले- ‘ओवरएक्टिंग की दुकान’

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Read More