दिल्ली से 450 किमी दूर है 3500 साल पुराना यह किला, 463 एकड़ में है फैला, अब भी हैं यहां खजाने से भरे 8 कुएं!

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भारत में ऐसे कई पुराने किले हैं जिनका रहस्य अब भी अनसुलझा है. इन किलों को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. ऐसा ही एक किला हिमाचल प्रदेश में भी है. जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां खजानों से भरे हुए 8 कुएं अब भी मौजूद हैं, लेकिन इन कुओं के बारे में किसी को नहीं पता है.

भारत में ऐसे कई पुराने किले हैं जिनका रहस्य अब भी अनसुलझा है. इन किलों को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. ऐसा ही एक किला हिमाचल प्रदेश में भी है. जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां खजानों से भरे हुए 8 कुएं अब भी मौजूद हैं, लेकिन इन कुओं के बारे में किसी को नहीं पता है. सोचिये अब अगर इन कुओं में मौजूद खजाना कभी मिल गया तो उसकी कीमत क्या होगी? यह रहस्यमय किला दिल्ली से 450 किमी दूर है. आइये इस किले के बारे में विस्तार से जानते हैं.

3500 साल पुराना बताया जाता है कांगड़ा का किला

यह किला कांगड़ा का किला है. जो हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध टूरिस्ट स्थल है. इसे भारत के सबसे बड़े और पुराने किलों में गिना जाता है. यह किला 4 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है और 463 एकड़ में फैला हुआ है. यह प्राचीन किला धर्मशाला से करीब 20 किमी दूर है. इस किले पर माझी और बाणगंगा नदियों का संगम है. यहां से सैलानी धौलाधार के नजारों को देख सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह किला करीब 3500 साल पुराना है. उस वक्त कटोच वंश के महाराजा सुशर्मा चंद्र ने इस किले का निर्माण किया था. जिन्होंने कौरवों के खिलाफ महाभारत की लड़ाई लड़ी थी. ऐसी मान्यता है कि महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद वो अपने सैनिकों के साथ कांगड़ा आ गये थे. 

इस किले में अब भी मौजूद हैं खजाने से भरे 8 कुएं!

ऐसा कहा जाता है कि इस किले में खजाने से भरे हुए 8 कुएं अब भी मौजूद हैं. हालांकि यह किले कहां है किसे को नहीं पता है. इस किले पर हमला करने वाले पहले राजा कश्मीर के राजा श्रेष्ठा थे. जिन्होंने यहां 470 ईस्वी में हमला किया था. महमूद गजनी ने किले में मौजूद खजाने को लूटने के लिए हमला किया था. जिनमें से 8 कुओं को लूटा गया था. इसके बाद 5 कुओं में मौजूद खजाने को ब्रिटिश शासकों के काल में लूटा गया. ऐसा कहा जाता है कि यहां 8 कुएं अब भी मौजूद हैं, जिनमें खजाना है. लेकिन यह कुएं कहा हैं किसी को नहीं पता है. अब यह किला अपने प्राचीन स्वरूप में नहीं है. अगर आपको प्राचीन किलों को घूमने का शौक है, तो इस बार आप इस किले को देखने के लिए जा सकते हैं.

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