आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार कहीं किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का व्यवहार कुशल होना बहुत जरूरी है
आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री थे। साथ ही उन्होनें अपने नीति शास्त्र में भी धन, कारोबार और नौकरी आदि में सफलता हासिल करने के लिए कई नीतियों का जिक्र किया है. कई बार व्यक्ति को तमाम कोशिशें करने के बाद भी कुछ मामलों में सफलता नहीं मिल पाती है. आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में 11वें अध्याय के पहले श्लोक में चार ऐसे गुण बताए हैं जो किसी कामयाब इंसान या किसी अच्छे नेता (लीडर) में होते हैं. उनका कहना है कि ये गुण कुछ खास लोगों में जन्मजात होते हैं, जिनके प्रभाव से हर काम में कामयाबी मिलती है. वे कहते हैं इन गुणों के कारण व्यापार, जॉब या किसी अन्य क्षेत्र में कामयाबी मिलती है.
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्य का पता होना चाहिए. जब एक बार लक्ष्य निर्धारित कर लें तो उसे पूरा करने के लिए जुट जाना चाहिए. जो लोग लक्ष्य को निर्धारण नहीं करते हैं, वे अपने समय को खराब करते हैं. करियर में भी सफलता तभी मिलती है जब व्यक्ति लक्ष्य को निर्धारित करता है.
योजना बनाकर कार्य करें
चाणक्य नीति कहती है कि कार्य या जॉब में सफलता तभी संभव है जब व्यक्ति की योजना बनाकर कार्य करता है. जो लोग कार्य की योजना नहीं बनाते हैं, बिना योजना के कार्य करते जाते हैं, वे चुनौती और बाधा आने पर घबरा जाते हैं. बिना योजना के कार्य करने में सफलता मिलने की संभावना भी कम होती है.
ईमानदार और अनुशासी व्यक्ति
कोई व्यक्ति बेईमानी करके भले ही पल भर के लिए लाभ कमा ले, लेकिन बाद में उसे मुंह की खानी पड़ती है. इसलिए चाणक्य नीति के अनुसार व्यवसाय या नौकरी में तरक्की के लिए आपको अपने कार्यों के प्रति ईमानदार होना बहुत जरूरी है. अनुशासन और ईमानदारी से परिपूर्ण व्यक्ति जी-तोड़ मेहनत करता है और सफलता हासिल करता है.