BSE Sensex 651.85 अंक यानी 1.08 फीसदी टूटकर 59,646.15 अंक के स्तर पर क्लोज हुआ. वहीं, NSE Nifty 198.05 अंक लुढ़ककर 17,758.45 अंक के स्तर पर क्लोज हुआ.
नई दिल्ली: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में मुनाफावसूली का दबाव देखने को मिला. इस वजह से निफ्टी (Nifty50) पर बिकवाली का प्रेशर देखने को मिला. इसके चलते इस साल में निफ्टी में सबसे लंबे समय तक जारी तेजी का दौर सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में थम गया. BSE Sensex 651.85 अंक यानी 1.08 फीसदी टूटकर 59,646.15 अंक के स्तर पर क्लोज हुआ. वहीं, NSE Nifty 198.05 अंक लुढ़ककर 17,758.45 अंक के स्तर पर क्लोज हुआ.
Sensex पर 30 में से 27 शेयर टूट के साथ बंद हुए. इनमें IndusInd Bank के शेयरों में सबसे ज्यादा चार फीसदी से अधिक की टूट देखने को मिली. वहीं, Bajaj Finserv एवं Bajaj Finance, Tata Steel, SBI, Maruti Suzuki, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयर 2-3 फीसदी तक लुढ़क गए. वहीं, NTPC Ltd., Mahindra & Mahindra Ltd., टाइटन (Titan) और Sun Pharma के शेयरों में भी बहुत अधिक टूट देखने को मिली.
आइए जानते हैं कि आज मार्केट में किस वजह से ये टूट देखने को मिलीः
1. RIL, BFSI में बिकवालीः इंडस्ट्री के हेवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), ICICI Bank, HDFC Bank और SBI जैसे कुछ प्रमुख बैंकों के शेयरों में बिकवाली देखने को मिली.
2. डॉलर में तेजी: अमेरिकी मुद्रा डॉलर में शुक्रवार को काफी अधिक तेजी देखने को मिली और यह अन्य करेंसी के मुकाबले एक महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया. डॉलर इंडेक्स का इक्विटी के साथ इनवर्स रिश्ता देखने को मिलता है.
3. टेक्निकल वीकनेसः निफ्टी50 में गुरुवार को लगातार आठवें सत्र में बढ़त देखने को मिली थी. इस वजह से Bulls काफी हद तक Tired नजर आ रहे थे. इसके साथ ही साथ पिछले कुछ सत्र में छोटे-छोटे इनडिसाइसिव कैंडल्स देखने को मिल रहे थे. वहीं, निफ्टी में उस वक्त टूट देखने को मिली जब वह 18,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के बिल्कुल करीब था.
4. मार्केट वैल्यूएशनः पिछले डेढ़ महीने में मार्केट में काफी अधिक रिकवरी देखने को मिली है. इस तरह मार्केट ने इस साल में अब तक सभी नुकसान को पीछे छोड़ दिया था. जियोजित फइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि बढ़े हुए वैल्यूएशन मार्केट की आगे की राह को जस्टिफाई नहीं करते हैं. कुछ मुनाफावसूली और कुछ रकम को फिक्स्ड इनकम वाले इंस्ट्रुमेंट में डाइवर्ट किया जाना कुछ समय की रणनीति हो सकती है.
5. एफपीआई आउटफ्लो: अभी इस तरह का डर भी देखने को मिल सकता है कि डॉलर में काफी अधिक उछाल से इमर्जिंग मार्केट के इक्विटीज में FPIs शुद्ध आधार पर बिकवाल बन जाएं. गुरुवार को FPIs ने शुद्ध आधार पर 1,706 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की.