आस-पास का वातावरण रोगाणुओं का खतरा बढ़ाता है जिससे गले में कफ की शिकायत होती है।
बदलते मौसम का असर हमारी सेहत पर साफ दिखता है। मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम, साइनस या एलर्जी की परेशानी बढ़ जाती है। जब हम धुएं या प्रदूषण में सांस लेते हैं तो गले में कफ जमा होने लगता है। मौसम में बदलाव के साथ हमारे आस-पास के पेड़- पौधे पराग छोड़ते हैं जिसकी वजह से खांसी और बलगम की परेशानी होती है। हवाएं हमारे नाक और गले में सूखापन पैदा कर सकती है जिससे हमारी बॉडी में कफ बनने लगता है।
इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से अक्सर हमें कफ की शिकायत होती है और हम बीमार पड़ते हैं। आस-पास का वातावरण रोगाणुओं का खतरा बढ़ाता है जिससे गले में कफ की शिकायत होती है। आप भी बदलते मौसम में कफ से परेशान हैं तो बाबा रामदेव के कुछ असरदार नुस्खों को अपनाएं। आयुर्वेदिक नुस्खें छाती में जमे कफ को दूर करेंगे साथ ही खांसी से भी छुटकारा दिलाएंगे।
श्वासारि क्वाथ का सेवन करें:
औषधीय गुणों से भरपूर श्वासारि क्वाथ ऐसी जड़ी बूटियां है जो छाती में जमा कफ से निजात दिलाने में असरदार है। इस क्वाथ का उपयोग सर्दी खांसी, जुकाम, कफ्फ, सुखी खांसी और बलगम से निजात दिलाने में बेहद असरदार साबित होता है। लॉन्ग, सूंठ, भृंगराज, कालीमिर्च, तेजपत्ता, दालचीनी और तुलसी से तैयार इस काढ़े का इस्तेमाल पानी में उबाल कर किया जाता है। ये काढ़ा कफ को दूर करेगा और फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालेगा। इस काढ़े का सेवन दिन में दो से तीन बार करें आपको फायदा पहुंचेगा।