CWG 2022: भारत के साथ हुई नाइंसाफी का जिम्मेदारी कौन? इस बड़ी चूक के चलते टूटा फाइनल में पहुंचने का सपना

Reading Time: 3 minutes

भारतीय महिला हॉकी टीम का दिल उस समय टूटा जब कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। शूटआउट में मैच अधिकारियों की गलती का खामियाजा भारत को उठाना पड़ा।

भारतीय महिला हॉकी टीम का दिल शुक्रवार देर रात को उस समय टूटा जब कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 60 मिनट तक इस वर्ल्ड चैंपियन टीम को भारत ने कड़ी टक्कर देते हुए स्कोरलाइन 1-1 की बराबरी पर रखी। तय समय खत्म होने के बाद मुकाबला शूटआउट में पहुंचा। शूटआउट के दौरान एक ऐसी गलती हुई जिसने भारतीय खिलाड़ियों के मनोबल को हिला कर रख दिया। यह गलती ना तो भारतीय खिलाड़ियों ने की और ना ही ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कुछ गलत हुआ। ये गलती मैच अधिकारियों से हुई जिसका खामियाजा भारत को उठाना पड़ा। आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला-

60 मिनट तक 1-1 की थी स्कोरलाइन

दोनों ही टीमों के लिए यह मुकाबला अहम था, इस मैच को जीतने वाली टीम फाइनल में प्रवेश करती और कम से कम टीम का सिल्वर मेडल कन्फर्म हो जाता। 10वें मिनट में ही रेबेका ग्रेइनेर के गोल के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। मगर पहला गोल खाने के बाद भारतीय डिफेंस ने ऑस्ट्रेलिया को मौका नहीं दिया। ऑस्ट्रेलिया लगातार भारत के गोलपोस्ट पर प्रहार करने की कोशिश कर रहा था मगर इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी। तब 49वें मिनट में सुशीला के पास पर वंदना कटारिया ने किया और भारत की मैच में वापसी करवाई। 60 मिनट तक स्कोरलाइन 1-1 रहने के बाद मुकाबला शूटआउट में पहुंचा।

शूटआउट के दौरान हुआ बवाल

शूटआउट में पहला मौका ऑस्ट्रेलिया को मिला और एम्ब्रोसिया मेलोन स्ट्रोक लेने आईं। भारतीय कप्तान सविता ने शानदार अंदाज में गोल को बचाया और ऑस्ट्रेलिया के हाथ निराशा लगी। मगर यहां कहानी में ट्विस्ट आया, मैच अधिकारी घड़ी को ऑन करना भूल गए थे जिस वजह से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का शॉट अमान्य माना गया। मेलोन को दोबारा स्ट्रोक लेने को कहा और इस बार उन्होंने बिना कोई गलती किए हुए स्ट्रोग दाग दिया। इस गोल से भारत पर दबाव बनना शुरू हुआ और टीम इंडिया को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। अगर मैच अधिकारियों से यह गलती ना होती तो भारत पर प्रेशर ना आता और शायद मैच का नतीजा भी कुछ और हो सकता था।

टोक्यों ओलंपिक के दौरान भी भारत के साथ घटी थी कुछ ऐसी ही घटना

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष टीम ने ने 41 साल के लंबे इंतजार के बाद मैच जीता था। ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में भरात ने जर्मनी को 5-4 से शिकस्त दी थी। इस मैच के आखिर में भी टाइमर को लेकर विवाद हुआ था। मैच के आखिरी क्षणों में टाइम रुक गया था और पेनेल्टी कॉर्नर के लिए जर्मनी को 6 सेकंड का समय मिल गया था। हालांकि श्रीजेश ने वहां गोल बचा लिया था। मगर बड़े मैचों में मैच अधिकारियों की इन गलतियों का खामियाजा टीम को उठाना सही नहीं है।

Related posts

Garena Free Fire redeem codes, 8 September 2022: कूल इमोट्स पाने का मौका, यहां जानें रिडीम करने का तरीका

Nainital: 15 अगस्त 1947 को हुआ था इस फुटबॉल टूर्नामेंट का पहला फाइनल, प्लेयरों की लंबाई का नियम भी दिलचस्प

CWG 2022 Day 5 India Schedule: आज 37 गोल्ड मेडल दांव पर, लॉन बॉल्स और टेबल टेनिस समेत इन इवेंट्स में होगी भारत को उम्मीद

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Read More