कोरोना वैक्सीन पर भड़के स्वामी रामदेव ने कहा, ‘वैक्सीन के नाम पर बेवकूफ न बनाया जाए’

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एक तरफ देश और उत्तराखंड में सरकार वैक्सीन के बूस्टर डोज़ के लिए लोगों से अपील कर रही है, तो योग गुरु रामदेव ने एक बार फिर आयुर्वेद को ही इसका सही इलाज ठहराया है. यह बयान रामदेव ने उस कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए दिया, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी व स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत मौजूद थे.

हरिद्वार. अक्सर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति और मेडिकल साइन्स पर हमलावर रहने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोना वायरस वैक्सीन के मामले में एक बार फिर एलोपैथी पर निशाना साधा है. रामदेव ने कोरोना वैक्सीन को संक्रमण की रोकथाम के लिए नाकाफी बताते हुए कहा कि वैक्सीन के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने साफ शब्दों में दावा किया कि योग और आयुर्वेद के बिना कोरोना पर लगाम लगाना संभव नहीं है. इससे पहले रामेदव के हरिद्वार स्थित पतंजलि आश्रम में आचार्य बालकृष्ण का 51वां जन्मदिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट के कुछ मंत्रियों की मौजूदगी में मनाया गया.

उत्तराखंड सरकार के कई मंत्री जैसे प्रेमचंद अग्रवाल, धन सिंह रावत और सुबोध उनियाल गुरुवार को पतंजलि योगपीठ में मौजूद थे. बालकृष्ण के जन्मदिवस के कार्यक्रम के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए रामदेव ने कोरोना की वैक्सीन को बेवकूफी बताते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को वैक्सीन की दोनों डोज़ के साथ ही बूस्टर डोज़ लगने के बाद भी कोरोना हो गया. यहां तक कि डब्ल्यूएचओ के 99 फीसदी से अधिकारी खुद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं इसलिए लोगों को वैक्सीन के नाम पर ठगना नहीं चाहिए. गौरतलब है कि पिछले साल भी रामदेव ने एलोपैथी की आलोचना के कारण डॉक्टरों व मेडिकल एसोसिएशन के निशाने पर रहे थे और बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी.

भारतीय शिक्षा बोर्ड पर संतुष्ट दिखे रामदेव

वैक्सीन पर भड़के बाबा रामदेव ने भारतीय शिक्षा बोर्ड बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा ‘हम पिछले 9 सालों से यह बोर्ड बनाए जाने के लिए प्रयास कर रहे थे. अब लोग स्टेट बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड के साथ भारतीय शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में बच्चों को पढ़ा सकेंगे. इस शिक्षा पद्धति में वैदिक गणित, वैदिक साइन्स, वैदिक फिजिक्स जैसे विषयों के साथ साथ सभी मॉडर्न विषय पढ़ाए जाएंगे.’ यही नहीं, रामदेव ने इतिहास भी सही तथ्यों के साथ पढ़ाए जाने की बात भी कही. इस शिक्षा प्रणाली में मॉडर्न एजुकेशन और भारतीय वेदों पुराणों का एक साथ समावेश होगा.

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