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हक की बात : घटिया कुकर पर फ्लिपकार्ट को देने पड़े एक लाख, आपके साथ भी हो जाए धोखा तो…जानिए हर जरूरी बात

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उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की वजह से सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर खराब क्वॉलिटी के कुकर बेचने की इजाजत दी थी। ‘हक की बात’ सीरीज की इस कड़ी में बात उपभोक्ता अधिकारों की, क्या हैं ये और कैसे उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

consumer protection

नई दिल्ली : देश के प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘फ्लिपकार्ट’ पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा है। वजह ये कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर निर्धारित मानक से कमतर गुणवत्ता के प्रेशर कुकर बेचने की इजाजत दी। आसान शब्दों में कहें तो फ्लिपकार्ट ने खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकर को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचने की इजाजत दी थी। उस पर यह जुर्माना केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) ने उपभोक्ता अधिकारों यानी कंज्यूमर राइट्स के उल्लंघन को लेकर लगाया है। ऐसे में एक उपभोक्ता के तौर पर हमें भी अपने अधिकारों को जानना चाहिए क्योंकि अगर हम अपने हक को लेकर जागरूक रहेंगे तभी उसकी रक्षा भी कर सकेंगे। आइए ‘हक की बात’ (Haq ki Baat) सीरीज की इस कड़ी में जानते हैं कि कंज्यूमर राइट्स के उल्लंघन पर क्या करना चाहिए? क्या आप भी ऐसे मामलों में मुआवजा पा सकते हैं? अगर आपके उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होता है तो कहां और कैसे शिकायत कर सकते हैं?

सबसे पहले बात फ्लिपकार्ट पर जुर्माने की। यहां फ्लिपकार्ट का गुनाह ये था कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकर को बिकने दिया। दरअसल, केंद्र सरकार समय-समय पर सामानों की गुणवत्ता के लिए क्वॉलिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी करती है कि किसी प्रोडक्ट की क्वॉलिटी कैसी होनी चाहिए, उसके लिए कौन से स्टैंडर्ड मार्क इस्तेमाल किए जाए। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सामान का इस्तेमाल करते वक्त जख्मी होने, नुकसान पहुंचने के जोखिम से बचाना है। प्रेशर कुकर के मामले में सरकार ने फरवरी 2021 में तय किया कि उनकी गुणवत्ता IS 2347:2017 मानक के अनुरूप होनी चाहिए। इसे ऑनलाइन बेचा जाए या ऑफलाइन, इस मानक का पालन अनिवार्य है।

598 कुकर वापस मंगाने और पैसे लौटाने का आदेश
सेन्ट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकरों की बिक्री होने देने पर फ्लिपकार्ट पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उसके प्लेटफॉर्म से ऐसे 598 कुकरों की बिक्री हुई थी। CCPA ने फ्लिपकार्ट को आदेश दिया है कि वह उन सभी ग्राहकों से कुकर वापस मंगाए और उनके पैसे वापस करे। यह काम जल्द से जल्द हो इसके लिए अथॉरिटी ने फ्लिपकार्ट को 45 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। साफ है कि कंज्यूमर ही किंग है, उसके अधिकारों का सम्मान करना ही होगा, फिर चाहे कोई छोटा दुकानदार हो या फिर बड़ी से बड़ी कंपनी। अगर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन हुआ तो उन्हें जुर्माना या मुआवजा भरना पड़ेगा।

क्या हैं उपभोक्ता अधिकार?
उपभोक्ता के अधिकार समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर उपभोक्ता कौन है। दरअसल, कोई भी शख्स जो कोई सामान खरीदता है या कोई सेवाल लेता है तो वह उपभोक्ता है। अब उसके अधिकार की बात। उपभोक्ता का हक है कि वह कोई सामान खरीदता है या सेवा लेता है तो वह शुद्ध हो, तय गुणवत्ता वाला हो, उसकी मात्रा उतनी हो जितना दावा किया जा रहा है, मूल्य वाजिब हो। एमआरपी से ज्यादा कीमत पर न बेची गई हो। डिफेक्टेड न हो। एक्सपायर्ड न हो। उत्पाद के बारे में झूठी या आधी-अधूरी सूचना न दी गई हो। अगर उपभोक्ता सामान या सेवा से संतुष्ट नहीं है तो उसे सुने जाने का अधिकार है। अगर उसे लगता है कि उसके अधिकार का उल्लंघन हुआ तो वह उसकी शिकायत कर सकता है।

सामान या सेवा की क्वॉलिटी खराब हो तो क्या करें
आपने कोई सामान खरीदी लेकिन वह खराब क्वॉलिटी की निकल गई। या फिर आपने कोई सेवा ली लेकिन उससे आप संतुष्ट नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? आप संबंधित दुकानदार या सेवा प्रदाता से शिकायत कर सकते हैं। अगर वहां आपकी सुनवाई नहीं हुई तो आप अपने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ते अपना सकते हैं।

बस कुछ क्लिक में खुद कर सकते हैं शिकायत

ई-दाखिल
आज डिजिटल का दौर है। अगर आप खरीदे गए सामान या ली गई सेवा से असंतुष्ट हैं तो घर बैठे-बैठे बस कुछ क्लिक में शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने ई-दाखिल पोर्टल https://www.edaakhil.nic.in/ बना रखा है। देश के किसी भी कोने से उपभोक्ता ई-दाखिल पोर्टल पर अपनी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए जो फीस लगती है, उसे ऑनलाइन ही जमा कर सकते हैं। शिकायतों पर गौर करने के बाद उन्हें मंजूर या खारिज किया जाता है या जरूरी होने पर संबंधित राज्य के उपभोक्ता आयोग को फॉरवर्ड किया जाता है। नैशनल कंज्यूमर डिस्पुट्स रिड्रेसल कमिशन ने 7 सितंबर 2020 को ई-दाखिल पोर्टल लॉन्च किया था ताकि असंतुष्ट उपभोक्ता वहां ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकें।

कन्ज्यूमर हेल्पलाइन पोर्टल
अगर आपको किसी विक्रेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाना है तो आप कंज्यूमर हेल्पलाइन पोर्टल https://consumerhelpline.gov.in/ पर भी शिकायत दर्ज सकते हैं। यहां सबसे पहले आपको लॉग करना होगा। फिर शिकायत दर्ज करने का विकल्प चुनना होगा। उसके लिए आपको फीस चुकानी होगी, जिसकी जानकारी शिकायत करने वाले पेज पर ही मौजूद रहती है। शिकायत से जुड़ा पूरा ब्यौरा डालने के बाद आप सबमिट पर क्लिक कर दें।

शिकायत के लिए कितनी फीस?
शिकायत के लिए लगने वाली फीस मामले की रकम पर निर्भर करता है। शिकायत का मामला अगर 1 लाख रुपये तक का है तो आपको 100 रुपये फीस चुकानी होगी।

  • 1 लाख रुपये तक – 100 रुपये
  • 10 लाख रुपये तक – 400 रुपये
  • 20 लाख रुपये तक – 500 रुपये
  • 50 लाख रुपये तक – 2000 रुपये
  • 1 करोड़ रुपये तक – 4000 रुपये

टोल फ्री नंबर के जरिए शिकायत

  • ऑनलाइन के अलावा आप घर बैठे-बैठे फोन करके भी नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन में शिकायत कर सकते हैं।
  • आप 1800 11 4000 या 1404 या 1915 पर कॉल कर सकते हैं। इसके लिए आपको सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल करना होगा। ये हेल्पलाइन नंबर नैशनल हॉलिडे को छोड़कर बाकी सभी दिन काम करेंगे।
  • जुलाई 2022 में नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को जितनी भी शिकायतें मिली थीं उनमें 38 प्रतिशत ई-कॉमर्स से जुड़ी हुई थीं।
  • इसके अलावा आप 8130009809 पर एसएमएस भेज सकते हैं। इसके बाद खुद कंज्यूमर हेल्पलाइन की तरफ से आपसे संपर्क किया जाएगा।
  • नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन के ऐप के जरिए भी आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
  • उमंग ऐप के जरिए भी आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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