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Trekking: ट्रैकिंग को लेकर ऐसे सवाल जो नये ट्रैकर्स के मन में उठते हैं, यहां जानिये जवाब

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ट्रैकिंग करना कौन नहीं चाहता है. इस एडवेंचर्स एक्टिविटी का अपना ही आनंद है. ट्रैकिंग में टूरिस्ट कई किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं और इस दौरान जो अनुभव प्राप्त होता है, वो कभी नहीं भुलाया जा सकने वाला होता है.

Trekking: ट्रैकिंग को लेकर ऐसे सवाल जो नये ट्रैकर्स के मन में उठते हैं, यहां जानिये जवाब

ट्रैकिंग करना कौन नहीं चाहता है. इस एडवेंचर्स एक्टिविटी का अपना ही आनंद है. ट्रैकिंग में टूरिस्ट कई किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं और इस दौरान जो अनुभव प्राप्त होता है, वो कभी नहीं भुलाया जा सकने वाला होता है. ट्रैकिंग के दौरान पर्यटक पहाड़, नदी, झरने, जंगल, घाटियां और वादियों को पार करते हुए अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचते हैं. ट्रैकर्स का समूह देश और दुनिया की सबसे बढ़िया ट्रैकिंग जगहों को खोजते हैं और फिर वहां की चढ़ाई का अनुभव प्राप्त करते हैं.

ट्रैकर्स दुर्गम ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी एवं मैदानी मार्गों से पैदल यात्रा करते हुए निडर एवं निर्भिक अपने गंतव्य तक पहुंतते हैं. ट्रैकिंग के लिए टीम भावना का होना जरूरी है. क्योंकि बिना सहयोग के ट्रैकिंग नहीं की जा सकती है. ट्रैकिंग हमेशा ही समूह में बेहतर रहती है. खासकर जब आप लंबे ट्रैक पर जा रहे हों. अगर आप छोटा ट्रैक पार कर रहे हैं, तो अपने साथ जरूरी सामान लेकर उसे पार कर सकते हैं. ट्रैकिंग के दौरान टूरिस्ट प्रकृति की खूबसूरती को देखते हैं और कई तरह के पक्षियों और उनकी आवाज को सुनते हैं. असल मायने में प्रकृति को समझने और उसके करीब महसूस का उत्तम जरिया ट्रैकिंग ही है. 

लेकिन कई बार ट्रैकिंग को लेकर मन में कई तरह के सवाल उठते हैं. इन सवालों के जवाब आपको यहां मिल सकते हैं. 

-हिमालयी क्षेत्रों पर ट्रैकिंग के लिए क्या कोई परमिट चाहिए?

अधिकतर जगहों पर ट्रैकिंग के लिए कोई परमिट नहीं चाहिए होता है. हालांकि कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड औ सिक्किम के कुछ ट्रैक के लिए टूरिस्टों को इनर-लाइन परमिट बनाना होता है. ट्रैकर्स को इन जगहों पर ट्रैकिंग के लिए परमिशन लेनी पड़ती है. बाकी जगहों पर आप बिना किसी अनुमति के ट्रैकिंग कर सकते हैं और एन्जॉय कर सकते हैं.

-ट्रैकिंग के लिए सबसे बेस्ट टाइम कौन-सा होता है?

ट्रैकिंग आप किसी भी मौसम में कर सकते हैं, बस इसके लिए जज्बा चाहिए होता है. हालांकि बारिश के मौसम को छोड़कर सर्दी और गर्मी में आप आसानी ट्रैकिंग कर सकते हैं. लेकिन यह भी जरूरी है कि जहां आप ट्रैकिंग के लिए जा रहे हों, वो ट्रैक खुला हुआ हो. कुछ ट्रैक एक खास वक्त में ही खुलते हैं इसलिए इन जगहों पर ट्रैकिंग के लिए भी वो ही वक्त निर्धारित होता है. जैसे उत्तराखंड की फूलों की घाटी मानसून के दौरान खुलती है और यहां उसी वक्त ट्रैक कर सकते हैं.

ट्रैकिंग के लिए क्या कोई ट्रैवल इंश्योरेंस की जरूरत पड़ती है?

ट्रैकिंग के लिए किसी भी तरह के ट्रैवल इंश्योरेंस की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन अगर आप ट्रैवल इंश्योरेंस ले रहे हैं, तो यह अच्छा आइडिया है. जिसके आपको कई तरह के फायदे भी मिल सकते हैं.

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