केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना अपने-आप टोल संग्रह के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की एक पायलट परियोजना पर काम कर रहा है”
सरकार टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम करने और वाहन मालिकों से सुविधाजनक तरीके से शुल्क लेने के लिए एक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली पर काम कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए सरकार एक पायलट परियोजना का संचालन कर रही है, जिसके जरिये टोल राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों से सटीक दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा.
उन्होंने ‘इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स’ (IACC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बिजली पर आधारित बनाना चाहती है.
गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना अपने-आप टोल संग्रह के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की एक पायलट परियोजना पर काम कर रहा है.’’
उन्होंने अधिक ब्योरा दिए बिना कहा, ‘‘इस नई तकनीक के साथ हम दो उद्देश्यों को हासिल करना चाहते हैं – टोल बूथ पर यातायात की बेरोकटोक आवाजाही और उपयोग के अनुसार भुगतान.’’
टोल प्लाजा पर 2018-19 के दौरान वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था. फास्टैग की शुरुआत के साथ 2020-21 और 2021-22 के दौरान वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय घटकर 47 सेकंड हो गया है. हालांकि, शहरों के पास और घनी आबादी वाले इलाकों में व्यस्त समय के दौरान टोल प्लाजा पर अब भी कुछ देरी होती है.
गडकरी ने कहा कि निर्बाध और सुरक्षित यातायात के लिए सभी नवनिर्मित राष्ट्रीय राजमार्गों और मौजूदा ‘फोर प्लस लेन’ राष्ट्रीय राजमार्गों पर उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) स्थापित की जा रही है.