दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में एक ऐसा द्वीप देश है, जिसे ‘मिनी हिंदुस्तान’ भी कहा जाता है. इस देश में 37 फीसदी से ज्यादा भारतीय आबादी रहती है. यहां की आधिकारिक भाषाओं में हिंदी भी शामिल है.
दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में एक ऐसा द्वीप देश है, जिसे ‘मिनी हिंदुस्तान’ भी कहा जाता है. इस देश में 37 फीसदी से ज्यादा भारतीय आबादी रहती है. यहां की आधिकारिक भाषाओं में हिंदी भी शामिल है. इस देश की यात्रा करना और यहां के बारे में जानना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है. यहां बोली जाने वाली हिंदी को फिजी हिंदी कहते हैं. अब इस देश में टूरिस्ट बिना कोविड-19 टेस्ट के ही सफर कर सकते हैं.
यह कदम फिजी में पर्यटन को बढ़ाना देने के लिए उठाया गया है. यात्रा नियमों में ढील दिये जाने से फिजी में आने वाले टूरिस्टों की संख्या में इजाफा आएगा. सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस के दौरान कई देशों ने अपने यहां यात्रियों के आगमन पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये थे. जिसके बाद अब धीरे-धीरे इनमें ढील दी जा रही है ताकि पर्यटन उद्योग फिर से पटरी पर आ सके. फिजी ने भी अब अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य COVID-19 परीक्षण की आवश्यकता को खत्म कर दिया है. जिसका मतलब है कि फिजी जाने वाले यात्रियों को अब COVID-19 परीक्षण कराने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि अगर किसी यात्री को ट्रैवल के दौरान कोविड-19 लक्षण दिखते हैं तो उसे टेस्ट कराना होगा.
फिजी अपनी खूबसूरती और समुद्र तटों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इस द्वीप देश के पर्यटक स्थल सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. यहां आप हिंदू मंदिरों में भी दर्शन कर सकते हैं. यहां का सबसे बड़ा मंदिर नादी शहर में है, जिसे श्री शिव सुब्रमन्या मंदिर कहते हैं. यहां के लोग हिंदुस्तान की तरह ही रामनवमी, होली और दिवाली पर्व मनाते हैं. ब्रिटेन ने साल 1874 में इस द्वीप को अपना उपनिवेश बना लिया था. जिसके बाद यहां भारतीयों की बसावट शुरू हुई. शुरुआत में यहां भारतीय मजदूरी के लिए गये थे लेकिन उसके बाद स्थाई तौर पर बस गये.