Almora Uttarakhand in Hindi: अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है. यह शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. अल्मोड़ा में पर्यटकों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं, जिन्हें देखने के लिए देश और विदेश से टूरिस्ट आते हैं.
Almora Uttarakhand in Hindi: अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है. यह शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. अल्मोड़ा में पर्यटकों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं, जिन्हें देखने के लिए देश और विदेश से टूरिस्ट आते हैं. यहां हम अल्मोड़ा जिले में पड़ने वाले चार प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जिनका बेहद महत्व है और जहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं. अगर आप भी अल्मोड़ा (Almora Me Ghumne Ki Jagah) जाने का प्लान बना रहे हैं और यहां के धार्मिक स्थलों को देखना चाहते हैं, तो इन चार जगहों पर जरूर जाएं.
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पड़ने वाले अल्मोड़ा (Almora Tourist Places) में टूरिस्ट कई साहसिक गतिविधियों में भी भाग ले सकते हैं. एडवेंचर्स पसंद टूरिस्टों के लिए यह हिल स्टेशन जन्नत से कम नहीं है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देती है. इस शहर के बीच से कोसी नदी और सुयाल नदी बहती है. यहां सैलानी जंगलों में कई किलोमीटर लंबा नेचर वॉक कर सकते हैं और कई तरह के पक्षियों और वनस्पतियों को देक सकते हैं.
1. कटारमल सूर्य देव मंदिर (Katarmal Sun Temple in Hindi)
अल्मोड़ा में श्रद्धालुओं को कटारमल मंदिर सूर्य मंदिर जरूर देखना चाहिए. इसे आदित्य मंदिर भी कहते हैं. यह प्रसिद्ध मंदिर अल्मोड़ा से करीब 17 किलोमीटर दूर है. कटारमल मंदिर समुद्र तल से 2,116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह कुमाऊं में एकमात्र सूर्य मंदिर है.
2. नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple in Hindi)
अल्मोड़ा जा रहे हैं, तो नंदा देवी मंदिर जरूर जाइये. इस मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है. मंदिर में “देवी दुर्गा” का अवतार विराजमान है. समुंद्र तल से 7816 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर चंद वंश की “ईष्ट देवी” मां नंदा देवी को समर्पित है. नंदा देवी मां दुर्गा का अवतार और भगवान शंकर की पत्नी हैं.
3. चितई गोलू देवता मंदिर (Chitai Golu Devta Temple in Hindi)
अल्मोड़ा से करीब 8 किमी दूर स्थित चितई गोलू मंदिर उत्तराखंड का प्रसिद्ध मंदिर है. ग्वेल देवता यहां के लोक देवता है, जिन्हें न्याय करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर में आपको लाखों की तादाद में घंटिया दिखाई देंगी. लोग ग्वेल देवता मंदिर में अपनी मन्नत के लिए चिट्ठियां लिखते हैं.
4. दुनागिरी मंदिर ( Dunagiri Temple in Hindi)
दूनागिरी मंदिर का बेहद महत्व है. इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. यह मंदिर अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र से 15.1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह मंदिर द्रोणा पर्वत की चोटी पर स्थित है. मां दूनागिरी मंदिर को ‘द्रोणगिरी’ मंदिर भी कहा जाता है. इस पर्वत पर पांडव के गुरु द्रोणाचार्य द्वारा तपस्या करने पर इसका नाम द्रोणागिरी पड़ा था. इस मंदिर का नाम उत्तराखंड सबसे प्राचीन व सिद्ध शक्तिपीठ मंदिरो में आता है.