KhabriBaba
India

Zerodha: शेयर बाजार के क्रैश होने का आप भी कर रहे हैं इंतजार, जानिए जीरोधा के नितिन कामत की राय

Reading Time: 3 minutes

Zerodha के सीईओ ने कहा है कि शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत सीढ़ियों पर चढ़ने की तरह होती है जबकि उतरने का मामला बिल्डिंग से कूदकर नीचे आने जैसा होता है. नितिन कामत ने कहा, “शेयर बाजार की चाल इसी तरह की होती है. अगर शेयर बाजार को 100 से 200 अंक पर पहुंचने में 6 साल लगते हैं तो 200 से 108 तक गिरने में सिर्फ 5 दिन लगते हैं.”

zerodha Nithin Kamath
Zerodha के नितिन कामत ने कहा है कि शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत सीढ़ियों पर चढ़ने की तरह होती है जबकि उतरने का मामला बिल्डिंग से कूदकर नीचे आने जैसा होता है

नई दिल्ली: भारत के बहुत से छोटे निवेशक शेयर बाजार में बड़ी कमजोरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं. वास्तव में ग्लोबल लेवल पर चल रही घटनाओं की वजह से शेयर बाजार के एक्सपर्ट यह आशंका जता रहे थे कि अगस्त या सितंबर में शेयर बाजार अपना निचला स्तर देख सकता है. पिछले कुछ दिनों में शेयर बाजार के नियामक सेबी ने नए नियम जारी किए हैं. इसमें स्टॉक ब्रोकर से कोई ट्रेडर्स जितनी रकम का लिवरेज लेता था, उसमें कमी कर दी गई है. इस वजह से शेयर बाजार में कमजोरी आने की आशंका थी, लेकिन इसका शेयर बाजार पर बहुत अधिक असर नहीं देखा गया है. निवेशकों की संख्या के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म Zerodha के सीईओ नितिन कामत ने कहा है कि शेयर बाजार में बड़ी कमजोरी का इंतजार कर रहे निवेशकों को निराशा हाथ लग सकती है.

नितिन कामत ने कहा है कि शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत सीढ़ियों पर चढ़ने की तरह होती है जबकि उतरने का मामला बिल्डिंग से कूदकर नीचे आने जैसा होता है. Zerodha के सीईओ ने कहा, “शेयर बाजार की चाल इसी तरह की होती है. अगर शेयर बाजार को 100 से 200 अंक पर पहुंचने में 6 साल लगते हैं तो 200 से 100 तक गिरने में सिर्फ 5 दिन लगते हैं.”

जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने कहा है कि भारत में इस साल हम कोई बड़ी समस्या नहीं देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में जब कमजोरी आती है तो उसमें बहुत से लोग दूसरों की देखा-देखी अपनी पोजीशन काटने लगते हैं, इस वजह से इसका ज्यादा बड़ा असर देखने को मिलता है. यह ट्रेंड इस साल मार्च से जून के बीच अमेरिका में देखा गया है.

भारत के शेयर बाजार पर भरोसा जताते हुए नितिन कामत ने कहा है कि अगर आप पिछले 5 साल के आंकड़ों को देखें तो भारत का शेयर बाजार अमेरिकी शेयर बाजार की तुलना में कम उतार-चढ़ाव भरा रहा है. Zerodha के नितिन कामत ने कहा है कि अमेरिका में ब्रोकरेज हाउस बैंक की तरह व्यवहार करते हैं. वह ग्राहकों के पैसे को किसी दूसरे ग्राहक के लिए भी यूज कर सकते हैं या अपने कामकाजी पूंजी की तरह इस्तेमाल कर लेते हैं. भारत में ब्रोकरेज हाउस ग्राहक के पैसे को यूज नहीं होने पर उन्हें बैंक अकाउंट में वापस भेज देते हैं.

Related posts

10 women sent back as Sabarimala Temple reopens

Devender Mahto

Raj govt brings 3 bills to negate impact of Centre’s farm laws

Devender Mahto

After Odisha, Punjab extends lockdown till May 1

Devender Mahto

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More