KhabriBaba
India

IAS success stories: पिता की हत्या, कैंसर से मां का निधन, फिर भी नहीं हारी हिम्मत; आईएएस बन किंजल ने पूरा किया सपना

Reading Time: 2 minutes

जब किंजल की मां लोगों से कहती थीं कि वे अपनी दोनो बेटियों को आइएएस अफसर बनाएंगी तो लोग उन पर हंसते थे।

IAS success stories: पिता की हत्या, कैंसर से मां का निधन, फिर भी नहीं हारी हिम्मत; आईएएस बन किंजल ने पूरा किया सपनाआईएएस अधिकारी किंजल सिंह (Image: Instagram/kinjalsinghiasfans)

जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब इंसान टूट कर बिखर जाता है। उसके बाद वह जीवन भर कभी ठीक नहीं हो पाता और उसका भविष्य बर्बाद हो जाता है। लेकिन मुश्किल हालात में भी मुश्किलों से जंग जीतने वाला ही समाज के लिए मिसाल बन जाता है। ऐसी ही एक संघर्ष की कहानी है यूपी कैडर 2008 बैच की आईएएस किंजल सिंह की, जो कि वर्तमान में पंचायती राज विभाग के निदेशक हैं। किंजल सिंह का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है, आइए जानते हैं-

पिता की कर दी गई थी हत्या, मां का भी कैंसर से निधन

आईएएस किंजल सिंह का जन्म 5 जनवरी 1982 को यूपी के बलिया में हुआ था। किंजल केवल 6 महीने की थीं जब 1982 में किंजल सिंह के पिता डीएसपी केपी सिंह की हत्या कर दी गई थी। गुड़ियों से खेलने की उम्र में वह बलिया से दिल्ली तक का सफर पूरा कर अपनी मां के साथ सुप्रीम कोर्ट आती थीं और सारा दिन कोर्ट में बैठने के बाद रात में फिर उसी यात्रा पर निकल जाती थीं। वहीं कैंसर से लड़ने के बाद मां विभा सिंह का भी साल 2004 में निधन हो गया। बता दें कि किंजल के पिता की मृत्यु के समय किंजल की मां विभा सिंह गर्भवती थीं। 6 महीने बाद उन्होंने एक और बेटी को जन्म दिया जिसका नाम प्रांजल रखा गया।

पिता बनना चाहते थे आईएएस, बेटियों ने पूरा किया सपना

किंजल के पिता डीएसपी केपी सिंह भी आईएएस बनना चाहते थे, हत्या के कुछ दिन बाद यूपीएससी का रिजल्ट आया था जिसमें उन्होंने आईएएस मुख्य परीक्षा पास कर ली थी। मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में किंजल बताती हैं, ‘जब मां कहती थी कि मैं अपनी दो बेटियों को आईएएस अफसर बनाऊंगी तो लोग उन पर हंसते थे। चूंकि मां की तनख्वाह का एक बड़ा हिस्सा उस मुकदमे की फीस व अन्य खर्च में चला जाता था।

Related posts

Capt Sathe had planned to pay surprise visit on mother’s b’day

Devender Mahto

With 17,296 new Covid-19 cases, India’s tally is at 4.9L

Devender Mahto

Modiji, please read Sunil Mishra’s story

Devender Mahto

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More