Abhijit Sen : अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का 29 अगस्त को निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. उन्हें 2010 में पद्म भूषण मिला था. कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके थे. इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सरकारी भूमिकाओं में कार्य किया.
Abhijit Sen : योजना आयोग के पूर्व सदस्य तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ अभिजीत सेन का सोमवार रात निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. सेन के भाई डॉ प्रणव सेन ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘अभिजीत सेन को रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा. हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था.’’Also Read – ‘ऊंची जाति से नहीं हैं भगवान, सांप के साथ श्मशान में बैठे शिव SC या ST होंगे’, JNU की वाइस चांसलर का बयान
चार दशक से अधिक के अपने करियर में अभिजीत सेन ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र पढ़ाया और कईं महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहे. वह कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सरकारी भूमिकाओं में कार्य किया. Also Read – JNU में फिर हंगामा! स्कॉलरशिप मांगने गए छात्रों की गार्ड और स्टाफ ने की पिटाई, ABVP प्रेसिडेंट समेत कई घायल | VIDEO
सेन 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य थे. उस वक्त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. उन्हें 2010 में सार्वजनिक सेवा के लिए पद्म भूषण मिला. 2014 में एनडीए के सत्ता में आने पर सेन को “दीर्घकालिक अनाज नीति” विकसित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय कार्य दल का नेतृत्व करने के लिए नामित किया गया था. सेन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रबल समर्थक थे. Also Read – जेएनयू में शुरू हो सकती है देश के विभाजन को लेकर पढ़ाई, कुलपति ने बताई योजना
उनका तर्क था कि राजकोष को खाद्य सब्सिडी की लागत को अक्सर बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया था और देश के पास एक सार्वभौमिक पीडीएस और किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य दोनों को वहन करने के लिए पर्याप्त वित्तीय छूट थी.
ओईसीडी विकास केंद्र, एशियाई विकास बैंक, यूएनडीपी, खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और कृषि विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोष सहित कई अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान और बहुपक्षीय संस्थानों से सेन के संबंध थे.