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30 साल में बना था यह मकबरा, 168 फीट है ऊंचा, बोलने पर यहां गूंजती है आवाज

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यह भारत का पहला सबसे बड़ा मकबरा है जो बीते युग की कला और स्थापत्य विशेषताओं को प्रदर्शित करता है. यह गुम्बज मुहम्मद आदिल शाह और उनके परिवार के समाधि स्थल के लिए जाना जाता है. गोल गु्म्बज को तैयार करने में करीब 30 साल लगे थे.

Gol Gumbaz Bijapur Karnataka in Hindi: कर्नाटक के बीजापुर में स्थित गोल गुम्बज के निर्माण में करीब 30 साल लग गये थे. यह मकबरा 168 फीट ऊंचा है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं. इस गोल गुम्बज का निर्माण मोहम्मद आदिल शाह ने अपने जीवन काल के दौरान ही पिता के मकबरे की तुलना में बड़ा और आकर्षक बनाने के उद्देश्य से बनवाया था. इस गोल गुम्बज में कुछ भी बोलने पर आवाज गूंजती है. आइये जानते हैं यहां के बारे में
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यह भारत का पहला सबसे बड़ा मकबरा है जो बीते युग की कला और स्थापत्य विशेषताओं को प्रदर्शित करता है. यह गुम्बज मुहम्मद आदिल शाह और उनके परिवार के समाधि स्थल के लिए जाना जाता है. गोल गु्म्बज को तैयार करने में करीब 30 साल लगे थे. इसका निर्माण 1656 ईस्वी में हुआ था. मोहम्मद आदिल शाह के पिता सुल्तान इब्राहिम शाह का मकबरा बीजापुर में खूबसूरत तरीके से बना हुआ था, पर उनका कहना था कि उनकी कब्र पिता सुल्तान इब्राहिम शाह की कब्र से बड़ी और खूबसूरत होनी चाहिए. तभी उन्होंने अपने जिंदा रहते इस गोल गुंबज के निर्माण के बारे में सोचा था. इस मकबरे को फारसी वास्तुकार दाबुल के याकूत ने डिजाइन किया था. 
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इस गुम्बज की नक्काशी एवं कलाकारी पर्यटकों को आकर्षित करती है. इसे फारसी वास्तुकार दाबुल याकूत ने डिजाइन किया था. गोल गुम्बज के चारों ओर सीढ़ियों वाला चबूतरा है और ऊपरी हिस्से में एक गलियारा भी है. गुम्बज के भीतर कई कब्रे हैं. आप यहां गार्डन और संग्राहलय देख सकते हैं. यह गोल गुम्बज पर्यटक के लिए सुबह 10:00 बजे खुलता और शाम 5:00 बजे बंद हो जाता है. यहां घूमने के लिए सैलानियों को प्रवेश शुल्क देना पड़ता है. यहां घूमने के लिए सैलानी पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं. बरसात के मौसम में इस मकबरे की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है. सैलानी यहां बेहद आसानी से पहुंच सकते हैं. यहां का नजदीकी हवाई अड्डा बेलगाम में स्थित है. अगर आप ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों को देखना पसंद करते हैं, तो एक बार यहां जरूर जाइये.
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