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119 साल बाद नागालैंड को मिला दूसरा रेलवे स्टेशन, जिस गांव में खुला वहां के बारे में सबकुछ जानिये

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भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित नागालैंड को पूरे 119 साल के बाद दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है. यहां साल 1903 में पहला रेलवे स्टेशन खुला था. यह रेलवे स्टेशन दीमापुर रेलवे स्टेशन के नाम से मशहूर है. अब सूबे के शोखुवी में दूसरा रेलवे स्टेशन खुला है.

भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित नागालैंड को पूरे 119 साल के बाद दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है. यहां साल 1903 में पहला रेलवे स्टेशन खुला था. यह रेलवे स्टेशन दीमापुर रेलवे स्टेशन के नाम से मशहूर है. अब सूबे के शोखुवी में दूसरा रेलवे स्टेशन खुला है. गौरतलब है कि नागालैंड भारत का सबसे छोटा राज्य है. इस सूबे की स्थापना आजादी के बाद 1 दिसंबर 1963 को हुई थी. उस वक्त यह भारत का 16वां राज्य बना था. जिसकी राजधानी कोहिमा है. इस सूबे के पूर्व में म्यांमार,पश्चिम में असम, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश और दक्षिण में मणिपुर है.
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सूबे के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शोखुवी रेलवे स्टेशन से डोनी पोलो एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए इसे सूबे के लिए “रेड लेटर डे” बताया. उन्होंने नागालैंड के सपने को साकार करने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि शोखुवी स्टेशन द्वारा प्रदान की जाने वाली यात्री सेवा और माल स्टेशन राज्य की जरूरतों को पूरा करेगा. रेलवे परिवहन का दूसरा सबसे सस्ता साधन है और इसलिए यह हमारे राज्य और हमारी अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल देगा.
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जहां यह रेलवे स्टेशन खुला है वह छोटा-सा शोखुवी गांव है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, शोखुवी गांव की जनसंख्या 3,526 है, जिसमें पुरुष जनसंख्या 2,573 है जबकि महिला जनसंख्या 953 है. यहां की साक्षरता दर 81.51 फीसदी है जिसमें से 87.06 फीसदी पुरुष और 66.53 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं. शोखुवी गांव में करीब 558 घर हैं. यह जिला मुख्यालय दीमापुर से 25 किमी दूर स्थित है. 
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