वोटिंग से पहले केजरीवाल ने महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें इसलिए बढ़ीं क्योंकि भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रों का कर्ज माफ कर दिया था।

दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपनी पार्टी के सभी विधायकों का समर्थन साबित करने के लिए सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाया गया। हालांकि, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों के विरोध के बीच दिल्ली विधानसभा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बहुमत साबित करने के लिए वोट पर चर्चा कल होगी।
वोट से पहले मुख्यमंत्री ने महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें इसलिए बढ़ीं क्योंकि भाजपा सरकार ने अपने अरबपति दोस्तों का कर्ज माफ कर दिया था।
वोटिंग से पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें इसलिए बढ़ीं क्योंकि भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रों का कर्ज माफ कर दिया था। केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र द्वारा माफ किए गए कर्ज की वसूली की जाती है तो महंगाई खत्म हो जाएगी।
छात्रों और किसान के कर्ज माफ नहीं करती केंद्र सरकार
केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि केंद्र ने उनके अरबपति दोस्तों का कर्ज माफ किया। केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि पिछले पांच वर्षों में, उन्होंने अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए हैं। वे छात्रों और किसान के कर्ज माफ नहीं करते हैं। अगर वे अरबपतियों से माफ किए गए पैसे की वसूली करते हैं, तो महंगाई खत्म हो जाएगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार जो पैसा टैक्स से वसूल करती है, उसका इस्तेमाल ‘ऑपरेशन लोटस’ में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वो आपसे टैक्स वसूल रहे हैं, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली या सड़कों पर खर्च नहीं कर रहे हैं, वे इसे अपने अरबपति दोस्तों की जेब में डाल रहे हैं। पूरी दुनिया में पेट्रोल और डीजल की कीमतें गिरती हैं, लेकिन भारत में यहा बढ़ रही हैं। इस पैसे का इस्तेमाल ‘ऑपरेशन लोटस’ में किया जाता है।
केजरीवाल ने आगे आरोप लगाया कि वे विधायकों को खरीदकर सरकार बनाते हैं। हमारे 12 विधायकों ने हमें बताया है कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए 20 करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे। उनका टारगेट 40 विधायकों को तोड़ना था, लेकिन हमारे विधायक ईमानदार हैं। उनका ‘ऑपरेशन लोटस’ फेल रहा। वो विभिन्न राज्यों में सरकारें गिराने में सफल रहे। वे कुछ दिनों में झारखंड में भी ऐसा ही करेंगे। उन्होंने अन्य दलों से अब तक 6,300 करोड़ रुपये खर्च कर 277 विधायक खरीदे हैं।